आर डी सी (RDC) क्‍या है? आर डी सी में क्‍या क्‍या होता है? आर डी सी कैसे जा सकते हैं?

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 आर डी सी (RDC) क्‍या है? दोस्‍तों आर डी सी का पूरा नाम रिपब्लिक डे कैम्‍प होता है। ये कैम्‍प नई दिल्‍ली में डी जी एन सी सी कैम्‍प में लगता है। आर डी सी कैम्‍प में वही लड़के-लड़कियाँ जाते है जो एन सी सी में शामिल रहते है  आर डी सी कैम्‍प जाना क्‍यों महत्‍वपूर्ण है? दोस्‍तो आर डी सी कैम्‍प में जाने के लिए आपको कई सेलेक्‍शन प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। दिल्‍ली में  पूरे भारत से कैडेट चुन-चुन कर आते हैं और पूरे भारत से आये हुए कैडेटों में से ही केवल 147 कैडेटों का सेलेक्‍शन राजपथ परेड के लिए होता है तो आर डी सी कैम्‍प इसलिए होता है कि पूरे भारत से आए हुए कैडेटों में से 147 कैडेट जो ड्रिल में बेस्‍ट हो परेड अच्‍छा करते हो उनका चुनाव करके 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर होने वाले परेड समारोह में 147 कैडेटों को शामिल किया जाता है।147 लड़के सीनियर डिविजन के कैडेट और 147 लड़कियॉं सीनियर डिविजन के कैडेट शामिल होते है। और इनके साथ-साथ लड़कों का बैण्‍ड कोन्टिजेन्‍ट और लड़कियों का बैण्‍ड कोन्टिजेन्‍ट भी शामिल होते हैं। आर डी सी में इसके अलावा और क्‍या-क्‍या होता है? राजपथ परेड के अलावा कई तरह-तरह के कॉम्‍

अपने मनपसंद का जॉब कैसे पाये?

जॉब सर्च कर रहे हैं तो ध्‍यान दें 

ऐसी जॉब चुनिए, जिसे आप प्‍यार करते हैं। फिर आपको पूरी जिंदगी में एक भी दिन 'काम' नहीं करना पड़ेगा। 

  • पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों के बीच नौकरी ढूंढने की कशमकश शुरु हो जाती है। अगर कैंपस में नौकरी मिल गई, तो फिर क्‍या कहने ! लेकिन अगर नौकरी नहीं मिली, तो इस बात को लेकर चिंतन शुरु हो जाता है कि नौकरी कैसे सर्च की जाए। 

अगर आप भी पहली बार नौकरी की तलाश करने जा रहे हैं, तो एक बात का अवश्‍य ध्‍यान रखें कि अगर आप पूरी प्‍लानिंग से नौकरी की तलाश करते हैं, तो ड्रीम जॉब ढूंढना मुश्किल नहीं होता।


 लेकिन इसके लिए सबसे पहले आपको अपने पर्सनल कॉन्‍टैक्‍ट्स को मजबूत करना होगा। आपके कौन-कौन से मित्र, परिचित किन-किन कंपनियों में काम कर रहे हैं, इसकी सूची बना लें। कई कंपनियां अपने कर्मचारियों की सिफारिश पर नई भर्तियां करती हैं। 

ऐसे में मजबूत रिलेशंस आपको इंटरव्‍यू कॉल दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, जॉब सर्च करने के मामले में इंटरनेट सबसे बड़ा टूल है। नेट पर कई जॉब सर्च साइट मौजूद हैं, जिन पर रजिस्‍टर्ड होकर आपको अपनी योग्‍यता के अनुसार कॉल आ सकती है।

 इसके अलावा, आपके कॉलेज का प्‍लेसमेंट डिपार्टमेंट आपके लिए खासा मददगार साबित हो सकता है। ऐसे में कोर्स खत्‍म होने के बाद भी उसके संपर्क में रहें। प्राइवेट प्‍लेसमेंट एजेंसियों व करियर काउंसलर के भी संपर्क में रहें। लेकिन इन पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। जॉब फेयर भी जॉब सर्च करने के लिए मुफीद जगह है। यहां पर कई कंपनियों का जमावड़ा लगने की वजह से इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि आप जिस प्रकृति की जॉब चाहते  हैं, वह आपको मिल जाए। 

अखबारों में समय-समय पर प्रकाशित होने वाले जॉब से जुड़े विज्ञापनों पर भी नजर बनाए रखें। इसके अलावा, अगर कहीं इंटर्नशिप करने का मौका मिले, तो उससे न चूकें। इंटर्नशिप के दौरान काम को सीखने के साथ अपनी प्रोफेशनल नेटवर्किंग को मजबूत करने की कोशिश करें। 

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